Monday, August 13, 2012

Chandani Aur Sooraj

चांदनी और सूरज


कहा चांदनी ने सूरज से,
तेरा मेरा साथ नहीं|
रात निकलना, दिन में ढलना,
तेरे बस की बात नहीं||

तुझे चाहिए नीला अम्बर,
काला तुझे नहीं भाता,
मैं तो हूँ चंदा की दासी,
जो, दिन में नज़र नहीं आता||

लाल कमल तेरा हमजोली,
झिलमिल तारे मेरे साथी|
धूप हमेशा तेरा साया,
और मेरा दीया-बाती||

अगर चाँद दिन में आ जाये,
और तू चमके रातों में,
कायनात सारी हो जये,
उलट-पलट इन बातों में||

                                             - Dr. Saroj Gupta

2 comments:

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  2. I really love the poem...short and sweet.
    I like the play of words between "Chandani" and "Sooraj"...a very unusual pairing.

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