I would like to share this poem, "Gudiya Rani" - the first poem I composed for my Grand-daughter when she was 2 months old. I hope you enjoy it.
गुड़िया रानी
गुड़िया रानी, गुड़िया रानी,
खाती दाना, पीती पानी।
गुड़िया रानी बड़ी सयानी,
करती है बिलकुल मनमानी।
लगती है परियों की रानी,
गुड़िया रानी, गुड़िया रानी।।
गुड़िया है फूलों की सहेली,
जूही, चंपा और चमेली,
गेंदा और गुलाब संग खेली ,
सब कहते इसको अलबेली।
गुड़िया रानी, गुड़िया रानी।।
बैठ तितलियों के पंखों पर,
जाती है चंदा के घर पर,
खेल खेलती तारों से संग,
और लौट आती धरती पर।
गुड़िया रानी, गुड़िया रानी।।
रुई के फाहे से हल्की,
रंग दूध सा है उजला,
गुड़िया की किलकारी पर,
कोयल भी छोड़े अपनी तान।
गुड़िया रानी, गुड़िया रानी।।
सुबह के सूरज की गर्मी,
देती है तेरी मुस्कान,
नटखट चमकीली आँखें,
करती हैं सबको हैरान।
गुड़िया रानी, गुड़िया रानी।।
देख के तेरी भोली सूरत,
बेगाने भी हों अपने,
भूल के इस दुनिया के रगड़े,
मैं देखूं मीठे सपने।
गुड़िया रानी, गुड़िया रानी।।
सपने में मैं भी गुड़िया संग,
जाती सात समुन्दर पार,
बातें करती परियों के संग,
मिलती मुझको ख़ुशी अपार।
गुड़िया रानी, गुड़िया रानी।।
इन्द्रधनुष है झूला इसका,
पेंग बढ़ाती मढ़न तक,
इन्द्र-लोक में देख शकुंतला,
आशीषें देती जी भर।
गुड़िया रानी, गुड़िया रानी।।
माया नगरी तक वह जाती,
मौसी मौसा से मिल आती,
हर्षित होते देख उसे वे,
पहनाते बाहों के हार।
गुड़िया रानी, गुड़िया रानी।।
हिरनी जैसी चंचल आँखें,
चेहरे पर मीठी मुस्कान,
मम्मी-पापा, नाना-नानी,
सब रहते उस पर कुर्बान।
गुड़िया रानी, गुड़िया रानी।।
नाम आन्या है गुड़िया का,
काले रेशम जैसे बाल,
हरदम खुश रहती है गुड़िया,
गोरे लाल गुलाबी गाल।
गुड़िया रानी, गुड़िया रानी।।
- Dr. Saroj Gupta